ABVP Full Form
दोस्तों अगर आप एक कॉलेज स्टूडेंट हैं या अपने कॉलेज लाइफ मे आपने ABVP के बारे मे जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं की ABVP kya hai? या ABVP की फ़ुल फॉर्म (ABVP Full Form) क्या होती है?
नमस्कार दोस्तों हिन्दी में जानें ब्लॉग पर आप सभी का स्वागत है। क्या आप भी इंटरनेट पर ABVP के बारे मे (ABVP Full Form) ढूंढ रहे है? यदि हाँ तो आज मैं इस आर्टिकल के जरिए आपको ABVP kya hai? ABVP ka Full Form kya hota hai? के बारे में डिटेल में बताने जा रहा हूँ। इस पोस्ट को पढ़कर आप ABVP kya hai? (ABVP Full Form) के बारे में जान सकेंगे।
ABVP kya hai? (ABVP Full Form)
तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की हमारा यह भारत देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। हमारे इस भारत देश में बूढ़े लोगो बच्चों के लिए इसके साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत से संगठन बनाये हुए है। यह सभी संगठन समाज के लिए कार्य करते है, ताकि हमारा देश और समाज सुचारु रूप से चल सके।
इसके साथ ही इनमे से कुछ संगठन महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी बहुत से कार्य करते है। तो दोस्तों जिस प्रकार महिलाओं बच्चों और बूढ़ो की सहायता आदि के लिए अनेको संगठन बनाये गए है उसी प्रकार से देश के युवाओं के लिए बहुत से संगठन बनाये गए है। इस प्रकार के संगठन आप सभी को देश के अलग अलग स्थानों पर देखने को मिल जायेंगे।
ऐसे ही एक संगठन का नाम है ABVP और ABVP की फुल फॉर्म है Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्)
ABVP Full Form : Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad
ABVP Full Form in Hindi : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्
ABVP : Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad
जैसा की इसके नाम से ही स्पष्ट हो रहा है की ये एक छात्र संगठन है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। इसकी स्थापना 9 जुलाई, सन् 1949 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता बलराज मधोक जी के अगुवाई में की गयी थी। मुंबई के प्रोफेसर यशवंत केलकर जी इसके मुख्य कार्यवाहक बने। आज विद्यार्थी परिषद न केवल भारत का बल्कि विश्व का सबसे बड़ा छात्र – संगठन है। इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का छात्र संगठन भी कहा जाता है
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का इतिहास
हालांकि कहा जाता है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना 1948 में हुई थी। इसके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता बलराज मधोक का दिमाग था। लेकिन इसका औपचारिक रजिस्ट्रेशन 9 जुलाई 1949 को हुआ। बॉम्बे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यशवंतराव केलकर 1958 में इसके मुख्य ऑर्गेनाइजर बने। प्रोफेसर यशवंतराव केलकर को ही इस संगठन को खड़ा करने के पीछे का मुख्य चेहरा बताया जाता है।
श्री मदन दास देवीजी ने संगठन मंत्री रहकर पूरे देश में संगठन खड़ा किया। इसके बाद प्रो. बाल आपटे इनके साथ जुड़े और परिषद् को और भी मजबूती मिली। 1974 में प्रो. बाल आपटे को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का अध्यक्ष चुना गया तो इनके मार्गदर्शन में परिषद का प्रसार पूरे देश में हुआ। इस कालखंड को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्वर्णकाल भी कहा जाता है।
1970 के जेपी आंदोलन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने खुलकर हिस्सा लिया। गुजरात और बिहार में इसके छात्रों के आंदोलन ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया, जिसने इस संगठन को फलने फूलने में मदद की। नब्बे के दशक में मंडल आंदोलन में भी इसके छात्रों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर चले कैंपेन में इसके छात्रों ने लोगों को मोबालाइज करने में योगदान दिया।
1974 में देशभर के 790 कॉलेज कैंपसों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के 1 लाख 60 हजार सदस्य थे। धीरे-धीरे इस संगठन ने देश के कई यूनिवर्सिटी के छात्र संगठनों पर अपना कब्जा जमा लिया। 1983 के दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने पहली बार वहां परचम लहराया। नब्बे के दशक आते-आते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के 3 लाख सदस्य थे।
2003 में जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की सदस्य संख्या 11 लाख थी, 2014 में केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद (ABVP) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपने विस्तार की बड़ी तैयारी की वो 2017 में बढ़कर 32 लाख हो गई। आज इसे दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन माना जाता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की स्थापना का उद्देश्य :
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है। विद्यार्थी परिषद के अनुसार, छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए छात्रों में राष्ट्रवादी चिंतन को जगाना ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मूल उद्देश्य है। देश की युवा छात्र शक्ति का यह प्रतिनिधि संगठन है। इसकी मूल अवधारणा राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) अपने बारे में बताते हुए लिखता है कि ‘आजादी के बाद एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण और अपनी संस्कृति को बचाए और बनाए रखने के लिए पूरे देश ने एक विकसित और मॉर्डन देश का सपना देखा। इसमें विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले युवाओं की समुचित भागीदारी के लिए 9 जुलाई 1949 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की गई।
यह संगठन छात्रों से प्रारंभ हो, छात्रों की समस्याओं के निवारण के लिए एक एकत्रित छात्र शक्ति का परिचायक है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के अनुसार, छात्र शक्ति ही राष्ट्र शक्ति होती है।
स्थापना काल से ही इस संगठन ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देशव्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने छात्र–हित से लेकर भारत के व्यापक हित से सम्बद्ध समस्याओं की ओर बार – बार ध्यान दिलाया है। बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए छात्र परिषद समय – समय पर आन्दोलन चला रही है।
बांग्लादेश को तीन बीघा भूमि देने के खिलाफ भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) शिक्षा के व्यवसायीकरण के खिलाफ बार – बार आवाज उठाती रही है।
इसके अतिरिक्त अलगाववाद, अल्पसंख्यक तुष्टीकरण, आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) लगातार संघर्षरत रहे हैं। “बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नाम सबसे ज्यादा रक्तदान करने का रिकॉर्ड” है। इसके अलावा इन्होंने, निर्धन मेधावी छात्र जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिय़े निजी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा सकते, उनके लिए “स्वामी विवेकानंद मुफ्त शिक्षा शिविर” का आयोजन किया जाता है।
छात्र परिषद की एक शाखा या कहो तो विश्व मे छात्र परिषद का एक रूप नेपाल मे भी देखा जा सकता है जो की “प्रतीकी छात्र परिषद” के नाम से संचालित हैं।
“स्टूडेंट्स फॉर डेवलपमेंट (SFD)” छात्रों में समग्र और सतत विकास की आवश्यकता के प्रति सही दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा एक पहल है।
ABVP पूरे भारत में “मिशन साहसी” नामक लड़कियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती है।
मिशन आरोग्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने कोविड-19 के लक्षणों के लिए दिल्ली की 100 से अधिक झुग्गियों में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की और लोगों को टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का संगठन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की हर वर्ष देशव्यापी सदस्यता होती है। देश के सभी विश्वविद्यालयों और अधिकांश कॉलेजों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की इकाईयां हैं। अधिकांश छात्रसंघों पर परिषद का ही अधिकार है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का मानना है कि आज का छात्र कल का नागरिक है। हर वर्ष होने वाले प्रांतीय और राष्ट्रीय अधिवेशनों के द्वारा नई कार्यसमिति गठित होती हैं और वर्ष भर के कार्यक्रमों की घोषणा होती है। यह एकमात्र संगठन है जो शैक्षणिक परिवार की अवधारणा में विश्वास रखता है और इसी कारण परिषद के अध्यक्ष पद पर प्रोफेसर ही चुने जाते हैं। इसकी चार स्तरीय इकाईयां होती है। पहली कॉलेज इकाई, दूसरी नगर इकाई, तीसरी प्रांत इकाई और चौथी राष्ट्रीय इकाई। अब कई स्थानों पर जिला इकाई भी बनने लगी है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्य :
स्थापना काल से हीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देश व्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। आज इस संगठन से जुड़े रहे लोग समाज-जीवन के हर क्षेत्र में सक्रिय हैं और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए विद्यार्थी परिषद समय-समय पर आदोलन चलाते रहा है। बांग्ला देश को तीन बीघा भूमि देने के विरुद्ध परिषद ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया था।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) देशभर के अनेक राज्यों में प्रकल्प चलाती है। बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नाम सबसे ज्यादा रक्तदान करने का रिकॉर्ड है। इसके अतिरिक्त निर्धन मेधावी छात्र, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिय़े निजी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा सकते उनके लिये “स्वामी विवेकानंद नि:शुल्क शिक्षा शिविर” का आयोजन किया जाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर संगठन की ओर से हर साल Student exchange for inter-state living प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है जिसके अंतर्गत दूसरे राज्य में रहने वाले छात्र अन्य राज्यों में प्रवास करते हैं और वहां की संस्कृति और रहन-सहन से परिचित होते हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने वर्ष 1971 में अपने राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी भूमिका की व्याख्या करते हुए कहा था कि, “छात्र कल के नहीं, बल्कि आज के नागरिक हैं”। छात्र न केवल शैक्षिक जगत के भागीदार हैं, बल्कि वे देश के जिम्मेदार नागरिक भी हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने छात्र की शक्ति को राष्ट्र की शक्ति के रूप में मानने के लिए सभी का आह्वान किया और “छात्र की शक्ति, राष्ट्र की शक्ति” की घोषणा की। यह भी उल्लेख किया गया कि छात्रों की आवाज को दबाने के बजाय उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए।
यह संगठन अपना क्षैतिज विस्तार लगातार कर रहा है। इसने तकनीकी, चिकित्सा और प्रबंधन संस्थानों में विशेष मंचों की स्थापना का काम शुरू कर दिया। रिसर्च से जुड़े छात्रों के लिए इसका “शोध” नामक मंच है, जबकि “थिंक इंडिया” नामक एक अन्य फोरम के ज़रिए संगठन एनआईटी, आईआईटी और नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट के छात्रों से जुड़ा हुआ है। इसी तरह मेडिकल एवं डेंटल छात्रों के लिए “मेडिविजन” और कृषि विश्वविद्यालों एवं संस्थानों के लिए “एग्रीविजन” नामक मंच बना रखे हैं। कला एवं संस्कृति के छात्रों के लिए इसने “राष्ट्रीय कला मंच” बनाया है।
छात्रों को सामाजिक कार्य से जोड़ने के लिए इन्होंने “स्टूडेंट्स फॉर सेवा” कार्यक्रम संचालित कर रखा है, जिसके तहत छात्र समूहों को झुग्गियों औरअन्य पिछड़े इलाकों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।
पूर्वोत्तर में पैठ जमाने और छात्रों को एकजुट करने में सहायक सबसे पुराने कार्यक्रमों में से एक है “स्टूडेंट्स एक्सपीरियेंस इन इंटर-स्टेट लिविंग (SEIL)”। इस कार्यक्रम की शुरुआत 1965-66 में की गई थी और इसमें पूर्वोत्तर के छात्रों की देश के दूसरे हिस्सों के राज्यों की यात्रा और साथ ही दूसरे राज्यों से पूर्वोत्तर की यात्रा को बढ़ावा दिया जाता है। इन यात्राओं के दौरान छात्रों को स्थानीय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं के यहां ही ठहराया जाता है, जहां उनसे मेहमान की तरह नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह व्यवहार किया जाता है। इस प्रमुख कार्यक्रम की संकल्पना में श्री पद्मनाभ आचार्य की महत्वपूर्ण भूमिका थी, जो आगे चलकर नागालैंड के राज्यपाल (2014-19) भी बने।
अंतर्राष्ट्रीय युवा वर्ष 1985 में विश्व छात्र युवा संगठन (WOSY) का गठन किया गया और विश्व के छात्रों को उचित मंच प्रदान करना इसका उद्देश्य है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की एक शाखा या कहें तो विश्व में विद्यार्थी परिषद का एक रूप नेपाल में भी देखा जा सकता हैं, जो “प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद” के नाम से संचालित है।
कोरोना काल में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन किए जाने के बाद परिषद् ने स्वयं को नई भूमिका में लाते हुए राहत और पुनर्वास का कार्य किया और फिर छात्रों से निरंतर फीड बैक लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को उससे अवगत कराने का काम किया।
परिषद् ने “पीएम केयर्स फंड” के लिए 28.64 करोड़ रुपए एकत्रित किए, इसने लोगों के बीच 58 लाख से अधिक मास्क, भोजन के 30 लाख पैकेट और 31.7 लाख राशन किट बांटने का काम किया। इसने 17,000 से अधिक छात्रों को उनके घर पहुंचाने में भी मदद की, जिनमें से बड़ी संख्या पूर्वोत्तर और जनजातीय इलाकों के छात्रों की थी। लॉकडाउन के दौरान परिषद् के लगभग 59 हजार कार्यकर्ता ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रहे और संगठन ने 100 दिनों से भी अधिक समय तक 477 किचन संचालित किए।
अपने तरह की एक अनूठी पहल के तहत 11-12 मई को 56 हजार कार्यकर्ताओं ने देश के 8.86 लाख छात्रों को फोन कर शिक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर सरकार से अपेक्षाओं पर उनकी राय ली, मसलन ये मुद्दा कि परीक्षाएं वैयक्तिक उपस्थिति वाली हों या फिर ऑनलाइन।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़ाव
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) खुद को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अलग मानता है. लेकिन जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी (BJP) का जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ है, उसी तरह से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से मार्गदर्शन प्राप्त होता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में बड़े-बड़े पद संभाले हैं। अरुण जेटली, विजय गोयल और नितिन गडकरी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की छात्र राजनीति से ही शुरुआत की और बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बड़े ओहदों पर काबिज हुए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अ.भा.वि.प.) का नारा है : छात्र शक्ति – राष्ट्रशक्ति। और इसका आधिकारिक स्लोगन – ज्ञान, शील, एकता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की आधिकारिक पत्रिका :
हिंदी में नई दिल्ली से प्रकाशित ‘राष्ट्रीय छात्रशक्ति’ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की आधिकारिक पत्रिका है। यह शिक्षा क्षेत्र की अग्रणी पत्रिका है।
वेबसाइट : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की वेबसाइट abvp.org है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की मेम्बरशिप किस प्रकार लें
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ने लिए सबसे पहले आपको उसकी ऑफिशियल वेबसाइट जो कि abvp.org पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- इसके लिए आप https://www.abvp.org/join-abvp पर जाए। और नीचे दिये गए Join ABVP पर क्लिक करें।
- अब दिए गए फॉर्म में सही जानकारी भरे और अपना मंडल ध्यान से चुने।
- फॉर्म पूरा भरने के बाद इसे फाइनल सबमिट करे।
- फार्म सफलतापूर्वक सबमिट हो जाने के बाद, आपको फ़ोन या मेल के द्वारा सदयस्ता का स्टेटस मिल जाएगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के WhatsApp Group से कैसे जुड़े
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की सदस्यता मिलने के बाद आपको प्रदेश के अनुसार अपने क्षेत्र के coordinator से सम्पर्क करना होगा अथवा आप मेल के द्वारा भी उनसे व्हाट्सप्प ग्रुप की जानकारी मांग सकते है। आपके मंडल के अनुसार आपको उस क्षेत्र के व्हाट्सप्प ग्रुप में जोड़ दिया जायेगा। आज की समय में यह भारत का सबसे बड़ा छात्र समूह है जिसमे लगभग 30 लाख छात्र जुड़े हुए है | अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ऑफिशियल वेबसाइट जो कि www.abvp.org है, इसके माध्यम से आप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है। यदि आप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को ज्वाइन करना चाहते है, तो इसी वेबसाइट से कर सकते है।
Frequently Asked Questions (FAQ) about ABVP (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad)
Q. ABVP की फुल फॉर्म क्या होती है?
Ans : ABVP की फुल फॉर्म होती है Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्)
ABVP Full Form : Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad
ABVP Full Form in Hindi : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्
जैसा की इसके नाम से ही स्पष्ट हो रहा है की ये एक छात्र संगठन है, इस समय मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है।
ABVP की स्थापना 1949 में हुई थी और यह पूरे भारत के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सक्रिय है।
Q . अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की स्थापना कब हुई थी?
Ans : हालांकि कहा जाता है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की स्थापना 1948 में हुई थी। इसकी स्थापना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता बलराज मधोक का दिमाग था। लेकिन इसका औपचारिक रजिस्ट्रेशन 9 जुलाई 1949 को हुआ। बॉम्बे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यशवंतराव केलकर 1958 में इसके मुख्य ऑर्गेनाइजर बने। प्रोफेसर यशवंतराव केलकर को ही इस संगठन को खड़ा करने के पीछे का मुख्य चेहरा बताया जाता है।
Q. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की स्थापना किसके द्वारा की गयी थी ?
Ans : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की स्थापना जुलाई 1949 में बलराज मधोक जी के द्वारा की गयी थी।
Q अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को बनाने का मकसद क्या था?
Ans : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की स्थापना का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है। देश की युवा छात्र शक्ति का यह प्रतिनिधि संगठन है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) अपने बारे में बताते हुए लिखता है कि ‘आजादी के बाद एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण और अपनी संस्कृति को बचाए और बनाए रखने के लिए पूरे देश ने एक विकसित और मॉर्डन देश का सपना देखा। इसमें विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले युवाओं की समुचित भागीदारी के लिए 9 जुलाई 1949 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की गई।
यह संगठन छात्रों से प्रारंभ हो, छात्रों की समस्याओं के निवारण के लिए एक एकत्रित छात्र शक्ति का परिचायक है। स्थापना काल से ही इस संगठन ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने छात्र–हित से लेकर भारत के व्यापक हित से सम्बद्ध समस्याओं की ओर बार – बार ध्यान दिलाया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा और मूल्यों को बढ़ावा देती है, जिसमें हिंदुत्व (हिंदू राष्ट्रवाद) के प्रति प्रतिबद्धता और भारतीय संस्कृति और परंपराओं की सुरक्षा शामिल है। अपनी राजनीतिक गतिविधियों के अलावा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का भी आयोजन करती है, और यह छात्रों को बहस, चर्चा और अन्य बौद्धिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
Q. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कैसे संरचित है?
Ans : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) पूरे भारत में कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में शाखाओं और इकाइयों के नेटवर्क के साथ राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर आयोजित की जाती है। संगठन का नेतृत्व एक राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद द्वारा किया जाता है, जिसे सदस्यता द्वारा चुना जाता है। राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद संगठन की समग्र दिशा और नीतियों को निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है।
Q. क्या अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़ी है?
Ans : अपनी राजनीतिक गतिविधियों के अलावा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है। यह छात्रों को बहस, चर्चा और अन्य बौद्धिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करता है। संगठन सभी पृष्ठभूमि और विश्वासों के छात्रों के लिए खुला है, और यह विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों में भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
Q. मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बारे में और कैसे जान सकता हूँ?
Ans : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बारे में ज्यादा जानने का इच्छुक व्यक्ति अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ऑफिसियल वेबसाइट www.abvp.org पर जा सकते हैं, या संगठन और इसकी गतिविधियों के बारे में अधिक जानने के लिए किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय परिसर में इसकी स्थानीय शाखाओं या इकाइयों से संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और उसके इतिहास, लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में ऑनलाइन बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है।
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल मे हमने ABVP की Full Form (ABVP Full Form) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बारे में डिटेल में जाना। उम्मीद है इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको ABVP की फ़ुल फॉर्म (ABVP Full Form) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। और ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा।
दोस्तों अगर आपको हमारा ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर जरूर करें ताकी और लोगों को भी इस बारे में जानकारी प्राप्त हो जाए।
धन्यवाद!