What is BRA Full Form? BRA का फुल फॉर्म क्या होता है? जानें BRA Term के बारे में सभी जरूरी बातें…

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BRA Full Form Hindi 

दोस्तो Google पर और Quora पर एक टर्म इन दिनों समय बहुत ज्यादा सर्च हो रहा है की BRA का फुल फॉर्म क्या है? What is BRA Full Form या BRA को हिंदी में क्या कहते हैं?

तो दोस्तों जब मैने खुद Google और Quora पर इस बारे में सर्च किया की BRA को हिंदी में क्या कहते हैं? और BRA का Full Form क्या होता है?

तो वहां पर इस टर्म को “लेडिस के पहनने वाले अंडरगारमेंट ब्रा” के संदर्भ में लिया गया। निसंदेह इस BRA टर्म का सबसे फेमस अर्थ यही (लेडिस के पहनने वाले अंडरगारमेंट ब्रा) होता है। और वहां पर इसी अर्थ से संबंधित जवाब भी मिले।

इसी तरह इंटरनेट की दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन Googal पर भी इस BRA टर्म का फुल फॉर्म सर्च करने पर कुछ इसी तरह के जवाब देने वाली वेबसाइट्स शो हो रहीं थी। और वहां इनके जवाब कुछ इस तरह शो हो रहे थे

Quora पर एक व्यक्ति ने जवाब लिखा “BRA को हिंदी में ब्रेस्ट रेस्ट अरेंजमेंट” बोला जाता है। वहीं एक अन्य व्यक्ति ने जवाब लिखा कि “ब्रा का पूरा नाम ब्रेस्ट रेस्टिंग एरिया” है। बता दें कि ये सब जवाब लोगों के अपने द्वारा बनाए गए जवाब हैं।

BRA

जबकि इस सवाल का सिर्फ दो लोगों ने सही जवाब दिया उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए लिखा कि ये एक फ्रेंच शब्द Brassiere (brassière) से लिया गया है, जिसका इस्तेमाल 1893 में न्यूयॉर्क के एक न्यूजपेपर ईवनिंग हेराल्ड ने किया था। इसके बाद यह शब्द साल 1904 में प्रचलन में तब आया जब DeBevoise नाम की कंपनी ने अपने विज्ञापन में इस्तेमाल किया।

वहीं ‘Brassiere’ शब्द का पहली बार प्रयोग साल 1907 में वोग मैग्जीन ने प्रिंट किया। जिसके बाद यह शब्द प्रचलन में आ गया और कुछ सालों बाद ही ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने इस शब्द को एड कर लिया।

ब्रा को हिन्दी में क्या कहते हैं?

वहीं लोगों ने दूसरा सवाल किया था कि ब्रा को हिंदी में क्या कहा जाता है? जिस पर कई लोगों ने अपने अपने जवाब दिए थे। जो इस प्रकार हैं :

एक व्यक्ति ने जवाब में लिखा ‘वैसे तो ब्रा शब्द अब हिन्दी में भी रूढ़ हो गया है और यह बिलकुल हिन्दी के शब्द जैसा ही व्यवहार करता है, पर हिन्दी में इसे वक्षावृत, वक्षोपवस्त्र, कुच वस्त्र, और कुचाग्रनीवी भी कहते हैं।’

इसके अलावा एक दूसरे व्यक्ति ने लिखा – ब्रा को हिन्दी में ‘चोली, कुचबंधन, कंचुकी’ आदि कहते हैं। इस दौरान बहुत से लोगों ने इसे सीनाबंद भी बताया।

तो दोस्तों ये तो थे Google और Quora पर इस BRA Term को सर्च करने पर आने वाले जवाब। लेकिन दोस्तों यह BRA शब्द जिस फील्ड के संबंध में सर्च किया जा रहा है वह फील्ड है Banking।

Google और Quora पर ज्यादातर लोग BRA की फुल फॉर्म ( BRA Full Form) को बैंकिंग के फील्ड में Search कर रहे हैं। और आगे हम आपको बैंकिंग के क्षेत्र मे BRA का फुल फॉर्म (BRA Full Form in Banking) के बारे में जानकारी देंगे।

BRA Full Form in Banking

तो दोस्तों आपको बता दें कि बैंकिंग के क्षेत्र में BRA का Full Form होता है “Banking Regulation Act”

BRA Full Form in Banking : Banking Regulation Act

बैंकिंग के क्षेत्र में BRA का Full Form : बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट (हिंदी में अर्थ: बैंकिंग विनियमन अधिनियम)

BRA Full Form in Banking  : Banking Regulation Act

क्या है ये Banking Regulation Act (BRA)

Banking Regulation Act (BRA), 1949 भारत में एक कानून है जो भारत में सभी बैंकिंग फर्मों को नियंत्रित करता है। इसे बैंकिंग कंपनी अधिनियम 1949 के रूप में पारित किया गया था।

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यह 16 मार्च 1949 से लागू हुआ और 1 मार्च 1966 से बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 में बदल गया था।

यह एक्ट, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को अन्य बैंकों को लाइसेंस देने की शक्ति देता है, शेयरधारकों के शेयरहोल्डिंग और वोटिंग अधिकारों का नियमन करता है, बोर्डों और प्रबंधन की नियुक्ति की निगरानी करता है। बैंकों के संचालन को विनियमित, ऑडिट के लिए निर्देश देना, नियंत्रण अधिस्थगन, विलय और परिसमापन, सार्वजनिक भलाई और बैंकिंग नीति के हितों में निर्देश जारी करता है और जरूरत पड़ने पर दंड का प्रावधान भी करता है।

Banking Regulation Act (BRA) के उद्देश्य

बैंकिंग विनियमन अधिनियम के उद्देश्य नीचे दिए गए हैं :

  • जमाकर्ताओं की मांग को पूरा करना और उन्हें सुरक्षा और गारंटी प्रदान करना।
  • प्रावधान प्रदान करने के लिए जो बैंकिंग के व्यवसाय को विनियमित कर सकते हैं।
  • शाखाओं के उद्घाटन और मौजूदा शाखाओं के स्थानों में परिवर्तन को विनियमित करने के लिए।
  • बैंकों की पूंजी के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं निर्धारित करना।
  • बैंकिंग संस्थानों के विकास को संतुलित करने के लिए।

Banking Regulation Act (BRA) की विशेषताएं

Banking Regulation Act (BRA) को 56 खंडों वाले पांच भागों में विभाजित किया गया है।

इस एक्ट की मुख्य विशेषताएं नीचे उल्लिखित हैं:

  • गैर-बैंकिंग कंपनियों को धन जमा प्राप्त करने की मनाही है जो मांग पर देय हैं।
  • बैंकिंग कंपनियों द्वारा व्यापार पर रोक लगाने से गैर-बैंकिंग जोखिम कम हो जाते हैं।
  • न्यूनतम पूंजी मानकों को बनाए रखना।
  • बैंकिंग कंपनियों के शेयरों के अधिग्रहण पर विनियमन।
  • बैंकों के लिए योजनाएं बनाने की केंद्र सरकार की शक्ति।
  • बैंकिंग कंपनियों के लिए परिसमापन कार्यवाही के संबंध में प्रावधान।

Banking Regulation Act (BRA) का इतिहास

बैंकिंग की अवधारणा भारत में बैंक ऑफ हिंदुस्तान की स्थापना के साथ शुरू हुई। भारत में राष्ट्रीयकरण होने से पहले , भारत की बैंकिंग प्रणाली एक निजी प्रकृति की अधिक थी। बैंकों को अपनी शाखाएं खुली रखने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। कम पूंजी और भंडार और उच्च लाभ प्राप्त करने का लालच बैंकिंग प्रणाली की विफलता का कारण बन गया।

कंपनी अधिनियम, 1913 के तहत बैंकों की निगरानी की जाती थी, लेकिन यह अधिनियम बैंकों को विनियमित करने के लिए पर्याप्त नहीं था। अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी और इससे बैंकों को नुकसान होने लगा। साथ ही, बैंकों की अवधारणा का उपयोग ज्यादातर उच्च वर्ग के लोग करते थे। धोखाधड़ी भी बैंकों के उपयोग में गिरावट का एक कारण थी। इसने भारत की बैंकिंग प्रणाली को विनियमित करने की आवश्यकता दी।

परिणामस्वरूप, Banking Regulation Act (BRA) 1949 में पेश किया गया था। यह शुरुआत में बैंकिंग कंपनियों पर लागू था, लेकिन 1965 में संशोधन के बाद अधिनियम सहकारी बैंकों पर भी लागू था।

क्यों है Banking Regulation Act (BRA) चर्चा में

दोस्तों देश में बैंकों की वित्तीय हालत को ठीक करने के लिए समय समय पर Banking Regulation Act (BRA) में कुछ परिवर्तन होते रहते हैं जिसके कारण यह चर्चा में रहता है अक्सर उन परिवर्तन के बारे में जानकारी देने के लिए न्यूज में इसको BRA एक्ट कहकर संबोधित किया जाता है इसीलिए जिन्हे मालूम नही होता वे अक्सर इसे ऑनलाइन सर्च करते हैं की यहां BRA का फुल फॉर्म (BRA Full Form) क्या होता है।

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Banking Regulation Act/ BRA

तो दोस्तों आइए जानते हैं की Banking Regulation Act (BRA) में क्या परिवर्तन किये गये हैं?

Banking Regulation Act (BRA) 1949 में संशोधन

बैंकिंग कानून (सहकारी समितियों के लिए आवेदन) अधिनियम, 1965

प्रारंभ में, Banking Regulation Act (BRA) को बैंकिंग कंपनी अधिनियम, 1949 के रूप में पारित किया गया था। लेकिन बैंकिंग कानून (सहकारी समितियों के लिए आवेदन) अधिनियम की शुरुआत के साथ , कंपनी शब्द को हटा दिया गया था और रेगुलेशन शब्द को बैंकिंग के शीर्षक में जोड़ा गया था।

Banking Regulation Act ने 1965 में भाग IV के बाद भाग V के रूप में धारा 56 नामक एक नई धारा भी जोड़ी। यह खंड कुछ संशोधनों के अधीन सहकारी समितियों पर लागू होगा।

बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 (2020 का अधिनियम 39)

यह अधिनियम 29 सितंबर, 2020 को लागू हुआ। Banking Regulation Act उस सहकारी समिति पर लागू नहीं होगा जिसका मुख्य व्यवसाय कृषि विकास के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सहायता प्रदान करना है। संशोधन में यह भी उल्लेख किया गया है कि समितियों को अपने नाम या अपने व्यवसाय के संबंध में ‘बैंक’, ‘बैंकर’ या ‘बैंकिंग’ शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए। एक सहकारी बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन प्राप्त करने के बाद इक्विटी शेयर, वरीयता शेयर, या विशेष शेयर अंकित मूल्य पर या अपने सदस्यों को या अपने संचालन के क्षेत्र में रहने वाले किसी अन्य व्यक्ति को प्रीमियम पर जारी कर सकता है।

संशोधन के बाद, आरबीआई जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए एक बहु-सहकारी बैंक के निदेशक मंडल को पांच साल के लिए निलंबित कर सकता है। इस संशोधन में कुछ प्रावधानों को छोड़ दिया गया जैसे कि इसके निदेशकों को असुरक्षित ऋण या अग्रिम देना, और निजी कंपनियों को जहां बैंक के निदेशक या अध्यक्ष एक इच्छुक पार्टी हैं, व्यवसाय का एक नया स्थान खोलना, या शहर के बाहर सहकारी बैंक का स्थान बदलना , कस्बा या गांव जिसमें वह वर्तमान में आरबीआई की अनुमति के बिना स्थित है, आदि।

देश में बैंकों की वित्तीय हालत को ठीक करने के लिए इसमें परिवर्तन करते हुए अब सहकारी बैंकों को भी रिज़र्व बैंक के दायरे में लाया गया है।

विधेयक 2020 प्रावधान करता है कि अधिनियम, 1949 इन दो समितियों पर लागू नहीं होगा : (i) प्राथमिक कृषि ऋण समितियों और (ii) सहकारी समितियों पर लागू नहीं होगा, जिनका प्रमुख व्यवसाय कृषि विकास के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण है।

इसके अलावा यह (संशोधन) विधेयक, 2020, उन सहकारी सोसाइटियों को निम्न काम करने की अनुमति भी नहीं देता है। जो अपने नाम में या उनके व्यवसाय के संबंध में ‘बैंक’, ‘बैंकर’ या ‘बैंकिंग’ शब्दों का उपयोग करें और जो एक इकाई के रूप में कार्य करें जो चेक को मंजूरी दे।

सहकारी बैंकों द्वारा शेयरों और प्रतिभूतियों को जारी करना : विधेयक यह प्रावधान करता है कि सहकारी बैंक इक्विटी शेयरों, वरीयता शेयरों, या विशेष शेयरों को अंकित मूल्य पर या अपने सदस्यों को प्रीमियम पर या संचालन के अपने क्षेत्र में रहने वाले किसी अन्य व्यक्ति को जारी कर सकता है।

संशोधन विधेयक में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति सहकारी बैंक द्वारा उसे जारी किए गए शेयरों के सरेंडर के लिए भुगतान की मांग का हकदार नहीं होगा। इसके अलावा एक सहकारी बैंक RBI द्वारा दिए गए निर्देशों के अलावा अपनी शेयर पूंजी को निकाल या कम नहीं कर सकता है।

निदेशक मंडल का गठन : अधिनियम में कहा गया है कि RBI एक बहु-राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल को कुछ शर्तों के साथ पांच साल तक के लिए सुपरसीड कर सकता है। इन शर्तों में ऐसे मामले शामिल हैं जहां आरबीआई द्वारा बोर्ड को सुपरसीड करना और जमाकर्ताओं की सुरक्षा करना सार्वजनिक हित में है।

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सहकारी बैंकों को छूट देने की शक्ति : संशोधन विधेयक में कहा गया है कि RBI सहकारी बैंक या सहकारी बैंकों के वर्ग को अधिसूचना के माध्यम से अधिनियम के कुछ प्रावधानों से छूट दे सकता है। ये प्रावधान हैं; रोजगार, निदेशक मंडल की योग्यता और, एक अध्यक्ष की नियुक्ति से संबंधित हैं।इनके चयन में किसको क्या छूट मिलेगी यह भी रिज़र्व बैंक द्वारा तय किया जायेगा।

Banking Regulation Act (BRA)1949 में प्रावधान था कि सहकारी बैंक, जिस शहर, स्थान, गाँव में काम कर रहे हैं वहां से हट कर ब्रांच रिज़र्व बैंक की अनुमति के बिना कहीं और नहीं खोल सकते हैं। लेकिन अब इस नए संशोधन विधेयक में यह प्रावधान बदल दिया गया है।

FAQ About BRA Full Form

Q. BRA का फुल फॉर्म क्या है? What is BRA Full Form?

Ans : BRA का Full Form होता है “Banking Regulation Act”

BRA Full Form in Banking : Banking Regulation Act

बैंकिंग के क्षेत्र में BRA का Full Form : बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट
(हिंदी में अर्थ: बैंकिंग विनियमन अधिनियम)
Banking Regulation Act (BRA) 1949 भारत में एक कानून है जो भारत में सभी बैंकिंग फर्मों को नियंत्रित करता है।

इसे बैंकिंग कंपनी अधिनियम 1949 के रूप में पारित किया गया था। यह 16 मार्च 1949 से लागू हुआ और 1 मार्च 1966 से बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 में बदल गया था।यह एक्ट, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को अन्य बैंकों को लाइसेंस देने की शक्ति देता है, शेयरधारकों के शेयरहोल्डिंग और वोटिंग अधिकारों का नियमन करता है, बोर्डों और प्रबंधन की नियुक्ति की निगरानी करता है।

बैंकों के संचालन को विनियमित, ऑडिट के लिए निर्देश देना, नियंत्रण अधिस्थगन, विलय और परिसमापन, सार्वजनिक भलाई और बैंकिंग नीति के हितों में निर्देश जारी करता है और जरूरत पड़ने पर दंड का प्रावधान भी करता है।

Q. Banking Regulation Act 1949 / BRA के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

Ans : Banking Regulation Act 1949 / BRA के उद्देश्य

जमाकर्ताओं की मांग को पूरा करना और उन्हें सुरक्षा और गारंटी प्रदान करना।

प्रावधान प्रदान करने के लिए जो बैंकिंग के व्यवसाय को विनियमित कर सकते हैं।

शाखाओं के उद्घाटन और मौजूदा शाखाओं के स्थानों में परिवर्तन को विनियमित करने के लिए।

बैंकों की पूंजी के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं निर्धारित करना।

बैंकिंग संस्थानों के विकास को संतुलित करने के लिए।

Q. भारत में Banking Regulation Act (BRA) कब लागू हुआ था?

Ans : सन 1949 में जब भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया उस समय बैंकिंग विनियमन अधिनियम (Banking Regulation Act 1949 / BRA) लागू किया गया।

Q. Banking Regulation Act (BRA) में कितनी धाराएं हैं?

Ans : Banking Regulation Act (BRA) में कुल 56 धाराएं हैं। शुरुआत में इस एक्ट में कुल 55 धाराएं थीं लेकिन 1965 में सहकारी बैंकों को 56वें खंड में शामिल करने के लिए Banking Regulation Act 1949 (BRA) में संशोधन किया गया।

तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको BRA का फुल फॉर्म (BRA Full Form in Hindi) क्या होता है? और Banking Regulation Act (BRA) के बारे में जानकारी दी है।

उम्मीद है इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको BRA की फ़ुल फॉर्म (BRA Full Form) क्या है? के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। और आर्टिकल आपको पसंद आया होगा।

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Kavita Devi
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 कविता देवी  हिन्दी में जानें ब्लॉग की Founder और Author है। इन्हें हमेशा से इंटरनेट पर जानकारी पढ़ना और उसे अन्य लोगों के साथ शेयर करना पसंद है। अगर आपको इनके द्वारा शेयर की गई जानकारी अच्छी लगती है तो आप इन्हे Social Media पर फॉलो कर सकते है। Thank You!

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