What is UIDAI Full Form? UIDAI का Full Form क्या होता है? जानें UIDAI के बारे में जरूरी बातें…

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UIDAI Full Form

आधार कार्ड से संबंधित किसी काम के संदर्भ में आपने एक टर्म जरूर सुना होगा UIDAI. लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं की ये UIDAI kya hai? UIDAI Full Form Kya hoti hai? UIDAI का मतलब क्या होता है? या UIDAI की फुल फॉर्म (UIDAI Full Form) क्या होती है?

नमस्कार दोस्तों हिन्दी में जानें ब्लॉग पर आप सभी का स्वागत है। क्या आप भी UIDAI के बारे मे (UIDAI Full Form) जानना चाहते हैं? यदि हाँ तो आज मैं इस आर्टिकल के जरिए आपको UIDAI kya hai? UIDAI का मतलब क्या होता है? या UIDAI की फुल फॉर्म (UIDAI Full Form) क्या होती है? इसके बारे में डिटेल में बताने जा रहा हूँ। इस पोस्ट को पढ़कर आप UIDAI का Full Form kya hota hai? (UIDAI Full Form) के बारे में जान सकेंगे।

UIDAI का Full Form क्या होता है? (UIDAI Full Form)

तो दोस्तों आपको बता दें कि UIDAI का Full Form होता है “Unique Identification Authority of India” (हिंदी में अर्थ “भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण”)

UIDAI Full Form : Unique Identification Authority of India

UIDAI Full Form in Hindi : यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण)

UIDAI Full Form Unique Identification Authority of India

Unique Identification Authority of India (UIDAI) एक सांविधिक प्रा‍धिकरण है, जिसकी स्‍थापना भारत सरकार द्वारा आधार अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत, इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के तहत् दिनांक 12 जुलाई, 2016 को भारत सरकार द्वारा की गई।

UIDAI की स्‍थापना भारत के सभी निवासियों को ‘आधार’ नामक विशिष्‍ट पहचान संख्‍या (Unique Identification Number / UID) जारी करने के उद्देश्‍य से की गई थी, ताकि UID द्वारा एक तो दोहरी एवं फर्जी पहचान को समाप्‍त किया जा सके और दूसरा उसे आसानी से एवं किफायती लागत में आइडेंटिफाई और वेरिफाई किया जा सके।

UIDAI को भारत के सभी निवासियों को 12 डिजिट की अनूठी पहचान “Unique Identification Number” (जिसे “आधार नंबर” भी कहा जाता है) असाइन करने का काम करता है।

आ‍धार अधिनियम 2016 के तहत, Unique Identification Authority of India (UIDAI) आधार कार्ड सभी प्रोसेस के मैनेजमेंट और संचालन सहित आधार कार्ड के लिए Enrolment और प्रमाणीकरण, व्‍यक्तियों को आधार नंबर इश्यू करने और प्रमाणीकरण करने के लिए नीति, प्रोसेस और प्रणाली विकसित करने और पहचान संबंधी जानकारी तथा प्रमाणीकरण रिकार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए उत्‍तरदायी है।

UIDAI की शुरुआत जनवरी 2009 में भारत सरकार द्वारा भारत के राजपत्र में एक अधिसूचना के माध्यम से योजना आयोग के तहत एक संलग्न कार्यालय के रूप में की गई थी। इस अधिसूचना के अनुसार, UIDAI को “Unique Identification Number” (आधार नंबर) की योजना को लागू करने और ऑपरेट करने के लिए तथा इस योजना को लागू करने के लिए योजनाओं और नीतियों को निर्धारित करने की जिम्मेदारी दी गई थी, और इसके आधार पर अपडेट और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होना था।

UIDAI (Unique Identification Authority of India) को क्यों बनाया गया था?

UIDAI को भारत के सभी निवासियों के लिए विशिष्ट पहचान संख्या (UID), जिसे “आधार” नाम दिया गया है, जारी करने के लिए बनाया गया था।

Unique Identification Number (UID) जारी करने का मुख्य उद्देश्य एक तो नागरिकों की डुप्लिकेट और नकली पहचान को खत्म करने के लिए पर्याप्त मजबूत होना था, और दूसरा नागरिकों की पहचान को आसान, कम लागत और प्रभावी तरीके से सत्यापन योग्य और प्रामाणिक करना था।

Unique Identification Authority of India (UIDAI) का मुख्यालय नई दिल्ली में है और देश भर में इसके आठ क्षेत्रीय कार्यालय (Regional Office) हैं। UIDAI के दो डेटा केंद्र हैं, एक औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (IMT) हेब्बल बेंगलुरु (कर्नाटक राज्य) में, और दूसरा मानेसर गुरुग्राम (हरियाणा राज्य) में।

UIDAI का Vision

किसी भी समय, कहीं भी प्रमाणित करने के लिए एक विशिष्ट पहचान और एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ भारत के निवासियों को सशक्त बनाना।

UIDAI का Mision

  • सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, सरकारी लाभ और सेवाओं का सुशासन, जिसके लिए “Unique Identification Number / UID” जारी करके भारत के निवासियों को कुशल, पारदर्शी और लक्षित वितरण प्रदान करने के लिए भारत की संचित निधि या राज्य की समेकित निधि से व्यय किया जाता है।
  • भारत के उन निवासियों को आधार नंबर जारी करने के लिए नीति, प्रोसेस और सिस्टम डेवलप करना, जो राजिस्ट्रेशन की प्रोसेस से गुजरते हुए अपनी डेमोग्राफिक जानकारी और बायोमेट्रिक जानकारी जमा करके आधार नंबर के लिए अप्लाई करते हैं।
  • आधार कार्ड धारकों के लिए उनकी डिजिटल पहचान को अपडेट और प्रमाणित करने के लिए नियम, प्रोसेस और सिस्टम डेवलप करना।
  • प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, मापनीयता और लचीलापन सुनिश्चित करें।
  • पहचान की जानकारी और व्यक्तियों के प्रमाणीकरण रिकॉर्ड की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए।
  • आधार अधिनियम के प्रावधानों को पूरा करने के लिए, आधार अधिनियम के अनुरूप विनियम और नियम बनाना।
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Unique Identification Authority of India (UIDAI) का इतिहास

03 मार्च, 2006 को, Unique Identification for BPL Families’ नामक परियोजना को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया। उसी के अनुसार, बीपीएल परिवार परियोजना के लिए विशिष्‍ट पहचान के अंतर्गत सृजित किए जाने वाले मुख्‍य डाटाबेस से डाटा एवं फील्‍ड को अपडेट और Modification संबंधी प्रोसेस में सुझाव देने के उद्देश्‍य से दिनांक 03 जुलाई, 2006 को एक प्रक्रिया समिति का गठन किया गया।

इस समिति ने दिनांक 26 नवंबर, 2006 को ‘Strategic Vision Unique Identification of Residents’ नामक एक पेपर तैयार किया है। उस पेपर के आधार पर, नागरिकता अधिनियम, 1955 के अंतर्गत राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की विशिष्‍ट पहचान नंबर परियोजना को जोड़ने के लिए 04 दिसंबर, 2006 को अधिकार प्राप्‍त मंत्रियों के समूह का गठन किया गया।

सांविधिक प्राधिकरण के रूप में स्‍थापित होने से पूर्व, Unique Identification Authority of India (UIDAI) दिनांक 28 जनवरी, 2009 की राजपत्र अधिसूचना संख्‍या ए-43011/02/2009-प्रशा-1 के अनुसार योजना आयोग (वर्तमान में नीति आयोग) के संबद्ध कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा था। दिनांक 29 सितंबर, 2010 को पहला UID नंबर नंदुरबार, महाराष्‍ट्र के निवासी को जारी किया गया था। दिनांक 12 सितंबर, 2015 को सरकार ने कार्य आबंटन नियमों में संशोधन के जरिए भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण को तत्‍कालीन संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DEITY) के साथ संबद्ध कर दिया।

UIDAI का डाटा सेंटर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (IMT), मानेसर, में स्थित है जिसका उद्घाटन हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 7 जनवरी 2013 को किया था। बेंगलुरु और मानेसर में आधार डेटा लगभग 7,000 सर्वरों में रखा जाता है।

Unique Identification Authority of India (UIDAI) द्वारा जारी किए जाने वाले आधार कार्ड के बारे में जानकारी 

aadhaar

आधार दुनिया की सबसे बड़ी बॉयोमीट्रिक आईडी प्रणाली है। विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री पॉल रोमर ने आधार को “दुनिया में सबसे परिष्कृत आईडी कार्यक्रम” के रूप में वर्णित किया। आधार कार्ड को निवास का सबूत माना जाता है और यह नागरिकता का सबूत नहीं है, आधार स्वयं भारत में निवास के लिए कोई अधिकार नहीं देता है। जून 2017 में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आधार नेपाल और भूटान यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए वैध पहचान दस्तावेज नहीं है।

  • आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जारी करता है।
  • इसमें 12 डिजिट की एक विशिष्ट संख्या छपी होती है। यह संख्या, भारत में कहीं भी, व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण होता है।
  • भारतीय डाक द्वारा प्राप्त और UIDAI की वेबसाइट से डाउनलोड किया गया ई-आधार दोनों ही समान रूप से मान्य हैं।
  • कोई भी व्यक्ति आधार के लिए नामांकन करवा सकता है बशर्ते वह भारत का निवासी हो और Unique Identification Authority of India (UIDAI) द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो, चाहे उसकी उम्र और लिंग (जेण्डर) कुछ भी हो।
  • प्रत्येक व्यक्ति केवल एक बार नामांकन करवा सकता है।
  • आधार नंबर के लिए नामांकन निःशुल्क है।
  • आधार कार्ड एक पहचान पत्र मात्र है तथा यह नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं है।

Unique Identification Authority of India (UIDAI) द्वारा जारी किए जाने वाले आधार कार्ड के लाभ

आज के समय में आधार कार्ड लगभग सभी चीजों के लिए जरूरी होता जा रहा है। पहचान के लिए हर जगह आधार कार्ड मांगा जाता हैं। आधार कार्ड के महत्व को बढाते हुए भारत सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं जिसमें आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो वह काम होना मुश्किल होगा। आपके आधार कार्ड को कोई और इस्तेमाल नहीं कर सकता है, जबकि राशनकार्ड समेत कई और दूसरे प्रमाण पत्र के साथ कई तरह कि गड़बड़ियाँ हुई है और होती रहती है।

  • आधार नंबर प्रत्येक व्यक्ति की जीवनभर की पहचान है।
  • आधार नंबर से आपको बैंकिंग, मोबाईल फोन कनेक्शन और सरकारी व गैर-सरकारी सेवाओं की सुविधाएं प्राप्त करने में सुविधा होगी।
  • किफायती तरीके व सरलता से ऑनलाइन विधि से सत्यापन योग्य।
  • सरकारी एवं निजी डाटाबेस में से डुप्लिकेट एवं नकली पहचान को बड़ी संख्या में समाप्त करने में अनूठा एव ठोस प्रयास।
  • एक क्रम-रहित (रैण्डम) उत्पन्न संख्या जो किसी भी जाति, पंथ, मजहब एवं भौगोलिक क्षेत्र आदि के वर्गीकरण पर आधारित नहीं है।

आधार कार्ड की आवश्यकता और उपयोग

  • पासपोर्ट जारी करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है।
  • जनधन खाता खोलने के लिये आधार नंबर अनिवार्य है।
  • Lpg Gas की सब्सिडी की राशि पाने के लिये आधार नंबर अनिवार्य है।
  • ट्रेन टिकट में छूट पाने के लिए आधार का होना जरूरी है।
  • परीक्षाओं में बैठने के लिये (जैसे IIT JEE के लिये)
  • बच्चों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश दिलाने के लिये
  • डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) के लिए आधार जरूरी
  • बिना आधार कार्ड के नहीं मिलेगा प्रविडेंट फंड
  • डिजिटल लॉकर के लिए आधार जरूरी है।
  • सम्पत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए भी आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया है।
  • छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति भी आधार कार्ड के जरिए ही उनके बैंक में जमा करवाई जाएगी।
  • सिम कार्ड खरीदने के लिये भी आधार कार्ड ज़रूरी है
  • आयकर रिटर्न
  • आपकी वित्तीय / फाइनेंशियल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए होम लोन, पर्सनल लोन इत्यादि के लिए।
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UIDAI और आधार से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तारीखें

  • 28 जनवरी, 2009 को योजना आयोग ने विशिष्ट संख्या वाले पहचान पत्र को बनाने के लिए यूआईडीएआई के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया। इंफोसिस के संस्थापक नंदन नीलेकणी को इसका चेयरमैन बनाया गया।
  • सितंबर, 2010 में सरकार ने प्रायोगिक तौर पर महाराष्ट्र के कुछ ग्रामीण इलाकों में आधार योजना को लॉन्च किया।
  • सितंबर 2011 तक 10 करोड़ लोगों ने आधार कार्ड बनवाया।
  • 7 फरवरी 2012 को UIDAI ने आधार का ऑनलाइन वेरिफिकेशन शुरू किया।
  • इसके बाद 26 नवम्बर 2012 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आधार से लिंक खातों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम की शुरूआत की।
  • 1 जनवरी 2013 को आधार प्रोजेक्ट देश के 51 जिलों में लागू कर दिया गया।
  • 9 अक्टूबर 2013 को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम की शुरुआत की।
  • 24 मार्च 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आधार नंबर न होने की सूरत में किसी व्यक्ति को ऐसी किसी सुविधा से वंचित नहीं रखा जाएगा, जिसका वह अन्य स्थिति में हकदार होता है। आधार अनिवार्य नहीं है, ये बताने के लिए सरकारी विभाग अपने फार्म्स और सर्कुलर्स में संशोधन करें।
  • मार्च 2015 में सरकार ने आधार से लिंक्ड डिजीलॉकर सर्विस शुरू की। इस सर्विस के तहत लोग अपने डॉक्यूमेंट की स्कैन कॉपी क्लाइड पर सेव कर सकते हैं।
  • 11 अगस्त, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता को सिर्फ एलपीजी और राशन की सब्सिडी तक सीमित कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार रेडियो, टीवी और प्रिंट मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रचार करे कि किसी नागरिक के लिए आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं है।

FAQ About UIDAI Full Form

इन्हें भी देखें :-  CPC Full Form in Hindi? | CPC का मतलब क्या होता है? जानें CPC के बारे में जरुरी बातें
Q. UIDAI का फुल फार्म क्या होता है?
Ans : UIDAI का Full Form होता है “Unique Identification Authority of India” (हिंदी में अर्थ “भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण”)

UIDAI Full Form : Unique Identification Authority of India
UIDAI Full Form in Hindi : यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण)

Unique Identification Authority of India (UIDAI) एक सांविधिक प्रा‍धिकरण है, जिसकी स्‍थापना भारत सरकार द्वारा आधार अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत, इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के तहत् दिनांक 12 जुलाई, 2016 को भारत सरकार द्वारा की गई।
Q. UIDAI को क्यों बनाया गया था?
Ans : UIDAI को भारत के सभी निवासियों के लिए विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identification Number / UID), जिसे “आधार” नाम दिया गया है, जारी करने के लिए बनाया गया था।

Unique Identification Number (UID) जारी करने का मुख्य उद्देश्य एक तो नागरिकों की डुप्लिकेट और नकली पहचान को खत्म करने के लिए पर्याप्त मजबूत होना था, और दूसरा नागरिकों की पहचान को आसान, कम लागत और प्रभावी तरीके से सत्यापन योग्य और प्रामाणिक करना था।
Q. Unique Identification Number (UID नंबर) क्या है?
Ans : Unique Identification Number (UID नंबर) जिसे Enrollment ID (EID) या Aadhaar Number भी कहा जाता है 28 अकों का यूनीक आईडी नंबर होता है। जब आप आधार के लिए एनरोल करते हैं तब आपको ये नंबर दिया जाता है। आधार कार्ड के लिए एनरोल करने के बाद आपको इन नंबर को संभाल कर रखना चाहिए। इसके द्वारा आप बाद में अपने आधार कार्ड का स्टेटस चेक कर पाते हैं।
Q. भारत में पहला आधार कार्ड किसे मिला? / भारत में आधार कार्ड कब शुरू हुआ?
Ans : भारत में सबसे पहला आधार कार्ड रंजना सोनवाने (Ranjana Sonawane) जी का बना था। उन्हें सितंबर 29, 2010 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के उपस्थिति में, उस समय के Congress president Sonia Gandhi जी के द्वारा दिया गया था। रंजना सोनवाने जी की बात की जाये तब वो पहली महिला थी पूरे भारत में जिन्हें की आधार कार्ड सबसे पहले मिला था।
Q. आधार कार्ड का हेल्पलाइन नंबर क्या है? / UIDAI का हेल्पलाइन नंबर क्या है?
Ans : UIDAI का हेल्पलाइन नंबर है 1947, यह एक टोल फ्री नम्बर है। आधार कार्ड से जुड़े किसी भी सवाल के जवाब के लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, आप इसके लिए सीधे भारतीय Unique Identification Authority of India (UIDAI) द्वारा जारी आधार हेल्पलाइन नंबर- 1947 पर कॉल कर सकते हैं और अपने सभी सवालों के जवाब पा सकते हैं। यह एक टोल फ्री नंबर है।
Q. क्या एक व्यक्ति के दो आधार कार्ड हो सकते हैं?
Ans : एक व्यक्ति के दो आधार कार्ड नहीं बन सकता है। दो आधार कार्ड बनवाना पूरी तरह से अपराध है और पकड़े जाने पर जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ओर से किसी भी व्यक्ति को एक ही बार आधार संख्या आवंटित की जाती है बार-बार नहीं। कभी-कभी आधार कार्ड खो जाने पर या नष्ट हो जाने की दशा में हम आधार कार्ड का दूसरा प्रिंट अवश्य निकलवा सकते हैं। लेकिन किसी भी दशा में, उसी व्यक्ति का, दूसरी पहचान के साथ, दूसरा आधार कार्ड नहीं बन सकता।

तो दोस्तों ऊपर आर्टिकल में हमने आपको UIDAI की फुल फॉर्म (UIDAI Full Form) : Unique Identification Authority of India के बारे में डिटेल में जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको UIDAI की फुल फॉर्म क्या होती है? UID क्या है? और आधार कार्ड आदि के बारे में अच्छे से समझ आ गया होगा।

दोस्तो यदि आपको इस फील्ड से जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेन्ट कर के जरूर पूछे और इस पोस्ट को अपने दोस्तों मे भी जरूर शेयर करें। आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद!

अस्वीकरण :- Unique Identification Authority of India (UIDAI), आधार, और UID के संबंध में यहां दी गई तमाम जानकारी ज्यादातर इनकी ऑफिशियल वेबसाईट और अन्य विश्वसनीय स्त्रोतों से जुटाई गई हैं। फिर भी इस जानकारी में कोई भी त्रुटि होने पर वेबसाइट के Owner जिम्मेदार नहीं होंगे। यह किसी भी सरकारी निकाय की आधिकारिक वेबसाइट नहीं है। इसीलिए इस वेबसाइट पर दी गई किसी भी जानकारी की पुष्टि के लिए एक बार संबंधित विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट को जरूर चेक कर लें।

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Nitin Kumar
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 कविता देवी  हिन्दी में जानें ब्लॉग की Founder और Author है। इन्हें हमेशा से इंटरनेट पर जानकारी पढ़ना और उसे अन्य लोगों के साथ शेयर करना पसंद है। अगर आपको इनके द्वारा शेयर की गई जानकारी अच्छी लगती है तो आप इन्हे Social Media पर फॉलो कर सकते है। Thank You!

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